सीबीआई की चार्जशीट में हुआ खुलासा – दो बच्चों के विवाद से शुरू हुआ था पूरा मामला, न कि कोई साम्प्रदायिक षडयंत्र
छत्तीसगढ़/कोरबा :- प्रदेश के चर्चित बिरनपुर हत्याकांड को लेकर सीबीआई द्वारा अदालत में दायर चार्जशीट ने बड़ा राजनीतिक भूचाल ला दिया है। इस चार्जशीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह मामला किसी साम्प्रदायिक षड्यंत्र का परिणाम नहीं था, बल्कि दो बच्चों के बीच हुए मामूली झगड़े ने भयावह रूप ले लिया था।
इसी विषय पर आज पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा में प्रेसवार्ता ली और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “भाजपा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिरनपुर की घटना को साम्प्रदायिक रंग देकर राजनीतिक लाभ लिया। जबकि सीबीआई की जांच ने यह साफ कर दिया कि घटना मात्र दो परिवारों के विवाद से उपजी हिंसा थी।”
सीबीआई ने ठहराई पुलिस जांच सही
अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सीबीआई की जांच में भी राज्य पुलिस की विवेचना को सही ठहराया गया है और किसी भी राजनीतिक षड्यंत्र का सबूत नहीं मिला।
8 अप्रैल 2023 : बच्चों की लड़ाई से भड़की हिंसा
बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बिरनपुर में 8 अप्रैल 2023 को दो बच्चों की मामूली लड़ाई ने बड़ा रूप ले लिया। देखते ही देखते दोनों समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और हिंसक झड़प में भुवनेश्वर साहू (पुत्र – ईश्वर साहू, वर्तमान भाजपा विधायक) की मौत हो गई।
अग्रवाल ने कहा कि भाजपा नेताओं ने घटना के तुरंत बाद गांव पहुंचकर इसे “साम्प्रदायिक हिंसा” बताना शुरू कर दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के भड़काऊ भाषणों से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
राजनीतिक लाभ लेने में सफल रही भाजपा
जयसिंह अग्रवाल ने कहा –
“भाजपा ने इस घटना को भुनाकर चुनावी माहौल को साम्प्रदायिक दिशा दी और कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाकर जनता को गुमराह किया। नतीजा यह हुआ कि भाजपा को चुनावी लाभ मिल गया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रविन्द्र चौबे को हार का सामना करना पड़ा।”
उन्होंने कहा कि सीबीआई की चार्जशीट ने भाजपा के षड्यंत्र का सच जनता के सामने रख दिया है।
घटना के बाद ईश्वर साहू बने विधायक
घटना के बाद भाजपा ने मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को चुनावी मैदान में उतारा और वे विधायक बन गए।
अग्रवाल ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपये और नौकरी देने की पेशकश की थी, पर भाजपा ने इसे साम्प्रदायिक रंग देकर राजनीतिक लाभ उठाया।
ननकीराम कंवर को नजरबंद करना लोकतंत्र की हत्या
प्रेसवार्ता के दौरान जयसिंह अग्रवाल ने वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर को नजरबंद किए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा –
“ननकीराम प्रदेश के वरिष्ठतम आदिवासी नेताओं में से एक हैं। यदि वे किसी मुद्दे पर धरना देना चाहते हैं और उन्हें घर में नजरबंद कर दिया जाता है, तो यह लोकतंत्र की हत्या है।”
उन्होंने मलगांव फर्जी मुआवजा प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग का भी समर्थन किया। अंत में जयसिंह अग्रवाल ने कहा –
“भाजपा ने सत्ता पाने के लिए झूठ और अफवाहों का सहारा लिया। अब जब सीबीआई की जांच में सच सामने आ गया है, भाजपा को अपने षड्यंत्र के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।”
प्रेसवार्ता में उपस्थित रहे कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज चौहान, राजकिशोर प्रसाद, श्याम सुंदर सोनी, दिलेश्वरी सिदार, कुसुम द्विवेदी, कृपाराम साहू, बी.एन. सिंह और सुरेश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।