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प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम के निर्देश के बाद प्रशासन की टीम पहुंची गंभीर बीमारी से जूझ रही बच्चियों के घर, कराया जिला अस्पताल में भर्ती, हाल जानने पहुंचे पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर कहा राष्ट्रपति को लिखेंगे पत्र, डॉक्टर ने कहा संभवतः मस्तिष्क ज्वर के कारण बच्चियों की ऐसी हालत हुई

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले के जनपद कोरबा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत लेमरू के आश्रित गांव सार बहरा में गंभीर बीमारी से जूझ रही राष्ट्रपति की दत्तक पुत्री दो पहाड़ी कोरवा बच्चियों को अब 15 साल बाद स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल पाएगा ।

आपको बता दें कि पिछले 15 सालों से दोनों बच्चियां स्कूल में कक्षा दूसरी और तीसरी में पढ़ते अचानक बीमार हुई थी जो फिर आज तक नहीं उठ पाई बच्चियों के पिता का भी 1 साल से पैरों में इन्फेक्शन फैला हुआ है घर की भुखमरी को देख दो भाई दलालों के चंगुल में फंसकर पलायन कर चुके हैं ऐसी गंभीर परिस्थितियों से जूझने वाले पहाड़ी कोरवा परिवार की सुध हमारी टीम के ग्राउंड पर पहुंचने के बाद और सुर्खियां न्यूज़ में खबर दिखाने के बाद ली है जिले के प्रभारी मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम जो खुद अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के मंत्री हैं इन्होंने जब पहाड़ी कोरवा बच्चियों की हकीकत जानी तो जिला प्रशासन को तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए थे जिसके बाद कल देर शाम जिला प्रशासन की टीम जिसमें एसडीएम पटवारी तहसीलदार सहित ट्राइबल विभाग कोरबा जनपद और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पहाड़ी कोरवा परिवार को जिला अस्पताल लेकर आई है जहां उनको बेहतर इलाज सुविधा दिया जाने का दावा डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है लेकिन इन 15 साल बच्चियों के भविष्य और जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कोई कार्यवाही होगी या सिर्फ दो बच्चियों के इलाज का आश्वासन देकर मुद्दे को ढक दिया जाएगा ।

वही मामले की जानकारी होने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं क्षेत्रीय विधायक ननकीराम कंवर भी जिला अस्पताल पहाड़ी कोरवा परिवार को देखने और उनका हालचाल जानने पहुंचे जहां उनके परिस्थिति देखकर उन्होंने भी प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर अफसोस जताया है और डॉक्टर से चर्चा करते हुए बेहतर इलाज के लिए निर्देश उन्होंने कहा कि जल्द ही राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को इस विषय में पत्र लिखेंगे, साथ ही साथ पहाड़ी कोरवा परिवारों को बेहतर मूलभूत सुविधा देने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने प्रशासन से चर्चा करने की बात कही है ।

डॉक्टर ने कहा संभवत: मस्तिष्क ज्वर के कारण बच्चियों का मानसिक शारीरिक विकास शुरू का

जिला अस्पताल में दोनों आदिवासी बच्चियों का इलाज कर रहे डॉ धर्मवीर सिंह ने बताया कि बच्चियों की बीमारी पुरानी है बच्ची के पिता ने बताया 2002 में दोनों बच्चियों को बुखार आया था जड़ी बूटी से इलाज किया गया था डॉक्टर ने कहा संभवत इनको मस्तिष्क ज्वर हुआ था जिसके बाद उचित इलाज ना मिलने के कारण इनके ब्रेन पर बुखार का गहरा असर हुआ जिससे इनके मस्तिष्क की कोशिकाएं डैमेज हो गई और इनकी मानसिक और शारीरिक विकास रुक गए , फिलहाल बीमारी गंभीर होने के कारण इनको स्वस्थ होने में काफी समय लगेगा जरूरत पड़ने पर इनको किसी बड़े हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा जा सकता है फिलहाल हमारी कोशिश जारी है अभी कई टेस्ट होने हैं जिसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी ।

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