छत्तीसगढ़/कोरबा :-संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में आदिवासी आश्रमों एवं आवासों में लघु निर्माण एवं नवीनीकरण कार्यों में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। कार्यालय सहायक आयुक्त (ज.वि.), कोरबा द्वारा चार फर्मों को कुल 48 लाख रुपये के कार्यादेश जारी किए गए थे, जिनमें से कई कार्य आरंभ ही नहीं किए गए और कुछ अधूरे पाए गए।
चार फर्में जांच के घेरे में
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श्री साई ट्रेडर्स, पालीवाल बुक डिपो, कोरबा
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श्री साई कृपा बिल्डर्स, मंगल भवन, बाजार चौक, छुरी
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एस.एस.एस., रेलवे मेन रोड, चैतमा, साजाबहरी
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बालाजी इन्फ्रा, वार्ड 06, राजीव नगर, कटघोरा
तकनीकी निरीक्षण दल ने पाया कि कुछ स्थलों पर कार्य अनुबंध की गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है, जबकि 80 लाख रुपये मूल्य का कार्य स्थल पर मिला ही नहीं।
जांच समिति की अनुशंसा
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संबंधित फर्मों को एक माह में कार्य पूर्ण करने का अवसर दिया गया, किंतु समय सीमा बीत जाने के बाद भी कोई कार्य प्रगति नहीं हुई।
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आवश्यक अभिलेख, निविदा दस्तावेज, माप पुस्तिका और भुगतान संबंधित रिकॉर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं पाए गए।
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मामले में एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है।
जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी
जांच रिपोर्ट में तत्कालीन सहायक आयुक्त, संबंधित अभियंता और कार्य से जुड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। आदिवासी आश्रमों व छात्रों के हित में स्वीकृत योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पाने से न केवल सरकारी धन की हानि हुई, बल्कि योजनाओं का उद्देश्य भी अधूरा रह गया।