बालको की तकनीक से कृषि में क्रांति! किसानों की आय में 20% तक इज़ाफा, एसआरआई से बदली किस्मत! अब कम बीज, कम पानी में दोगुनी पैदावार
छत्तीसगढ़/कोरबा-बालकोनगर :- कृषि क्षेत्र में एक नई उम्मीद बनकर उभरा है वेदांता समूह की भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) का नवाचार—सिस्टम ऑफ राइस इनटेसिफिकेशन (एसआरआई) तकनीक। इस अनोखी पहल से छत्तीसगढ़ के सैकड़ों किसानों की ज़िंदगी बदल रही है। बालको की यह पहल न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ा रही है, बल्कि खेती को टिकाऊ और कम लागत वाला बना रही है।
फसल बढ़ी, लागत घटी – एसआरआई से किसानों को फायदा
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 473 किसान एसआरआई तकनीक से लाभान्वित हुए, और 546 एकड़ भूमि पर इस विधि से धान की खेती की गई। परिणामस्वरूप धान की उपज 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़कर 15-18 क्विंटल हो गई। यही नहीं, बीज, सिंचाई और रसायनों में कटौती के कारण इनपुट लागत में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई।
किसानों की जुबानी सफलता की कहानी
सोनपुरी की राजिलाबाई कंवर कहती हैं,
“पहले डर लगता था कि कम बीज से अच्छी फसल कैसे होगी, लेकिन एसआरआई तकनीक ने मेरी सोच बदल दी। अब कम खर्च में ज्यादा मुनाफा हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई तक आसानी से हो रही है। मैं अब इस तकनीक को अपनी बहनों को भी सिखा रही हूं।”
रोगबहरी के अर्जुन कुमार बताते हैं,
“पहले 1.5 एकड़ में सिर्फ 12 क्विंटल उपज होती थी, लेकिन जब एसआरआई अपनाया, तो 90 डिसमिल में ही 16 क्विंटल धान मिला। मेहनत का असली फल अब मिला है। आत्मविश्वास भी बढ़ा है।”
बालको का दृष्टिकोण – ग्रामीण समृद्धि की ओर ठोस कदम
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक ने कहा,
“बालको सिर्फ औद्योगिक प्रगति तक सीमित नहीं है, हम ग्रामीण जीवन की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं। एसआरआई तकनीक जैसे नवाचारों से किसानों की आय में वृद्धि और कृषि की टिकाऊ दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।”
तकनीक से आत्मनिर्भर किसान – वैदांता एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (VARC)
ग्रामीण किसानों को कृषि की आधुनिकतम तकनीकों से जोड़ने हेतु मॉडल एग्री-फार्म – वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (VARC) की स्थापना की गई है। इसका संचालन कृषक उत्पादक संघ (FPO) द्वारा किया जाता है। केंद्र में निम्न सुविधाएं उपलब्ध हैं:
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मृदा परीक्षण
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आधुनिक सिंचाई प्रणाली
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मल्टीलेयर फार्मिंग
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एसआरआई और एसडब्ल्यूआई तकनीक
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ट्रेलिस फार्मिंग, हाइड्रोपोनिक्स
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बायो फ्लोक आधारित मत्स्य पालन
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विदेशी सब्जियों की खेती की परियोजनाएं
सरकारी सहयोग से नया आयाम
कृषि विभाग और बालको के संयुक्त प्रयास से एसआरआई तकनीक को और अधिक किसानों तक पहुंचाने की योजना है। वर्ष 2025-26 में 546 किसानों को इस तकनीक से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बालको की यह पहल न सिर्फ किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रही है, बल्कि यह आत्मनिर्भर और टिकाऊ ग्रामीण भारत की ओर एक ठोस कदम है।
एसआरआई तकनीक अब सिर्फ खेती की पद्धति नहीं रही, बल्कि यह किसानों की समृद्धि और आत्मविश्वास की नई पहचान बन चुकी है।