छत्तीसगढ़/कोरबा :- एसईसीएल दीपका विस्तार परियोजना के लिए मलगांव में परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण के दौरान मुआवजे के लिये तैयार सूची में लगभग 152 मकान के काल्पनिक होने का खुलासा होने पर प्रतिक्रिया देते हुये ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने केवल मुआवजा निरस्त करने की आदेश को अपर्याप्त बताते हुये मुआवजा तैयार करने वाले सभी सबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग किया है ।
संगठन के अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि मलगांव में लगभग 250 मकानों के दावेदारों को सामने नही आने की जानकारी मिल रही थी और अब जांच के बाद 152 मकानों को काल्पनिक होने का खुलासा किया जा रहा है । इसमें यक्ष प्रश्न तो यही है कि मेजरमेन्ट बूक किसके हाथ मे था और मुआवजा पत्रक किसने तैयार किया । मलगांव का अर्जन 2004 में ही किया जा चुका था 20 वर्षों बाद जबरदस्ती गांव को खाली कराकर मकानो को जमीदोज किया गया उसके बाद जांच की प्रक्रिया पूरी होती है और खुलासा होता है कि मकान काल्पनिक है ।
उन्होंने कहा है कि भूअर्जन ,मुआवजा प्रकरण की पूरी प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनायी गयी टीम जिसमे एसईसीएल , भूराजस्व , लोक निर्माण, वन विभाग, उद्यान विभाग के एक दर्जन अधिकारीयों शामिल किया गया था न कि गांब के किसी किसान ,भूविस्थापित इसमें शामिल थे । ऐसे में 2018 से 2022 तक की गूगल अर्थ मेप में मिलान कर मकानों के काल्पनिक होने पर कई तरह के संदेह पैदा होते हैं । गांव के मूल किसानों के रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा को सही समय पर उपलब्ध नही कराये जाने के कारण ही ऐसी स्थिति उतपन्न हुई है । अर्जन के 20 साल के अंतराल में लगभग 5 पीढियां प्रभावित हुयी है और इस दौरान अपने परिवार में आये विपदा , खुशहाली के साथ अन्य मौके पर गांव के किसानो के साथ क्या समस्या गुजरी होगी इसका जवाब कौन देगा । उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों के सहमति से प्रशासन के द्वारा कोयला संकट को दूर करने के नाम जोर जबरदस्ती मकानों को ध्वस्त करने पर आरोप लगाते हुये कहा , मलगांव में पिछले 1 साल से फर्जी मुआवजा का मामला उठता रहा है और इस बीच डंडे के बल पर पूरा गांव खाली करा दिया गया और कहा जा रहा है मकान नही है । एसईसीएल प्रबन्धन के द्वारा कोयला संकट , उत्पादन और परिवहन को प्राथमिकता दिया जाता है पर जिनकी पूरी आने वाली पीढ़ी के सामने जो भारी संकट आएगा उनके बारे में न तो कोयला कम्पनी को चिंता है और न सरकारों को जो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि है भूविस्थापित नेता ने मांग किया है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुये 152 लोंगो के नाम सामने लाने चाहिए जिससे वो अपना पक्ष रख सके और जिन अधिकारियों ने इस पूरे खेल को अंजाम दिया है उनपर कड़ी कार्यवाही किया जाना चाहिए ।