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भाजपा की शेरनी फंस गई चक्रव्यूह में, इनका राष्ट्रीय लेवल का गुरुर और ओवर कॉन्फिडेंस के साथ-साथ, इनके कोरबा जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारियों ने खूब बिगाड़ा खेल, 43283 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत हुई विजयी

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा लोकसभा से चुनाव लड़ रही सरोज पांडे को कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत से करारी हार का सामना करना पड़ा है भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे अपने निकटतम प्रतिबंध कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत से 43283 मतों हार गई है जिसे सुर्खियां न्यूज़ इनके हार का कारण खुद भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे व उनके मीडिया प्रभारी को ठहरता है क्योंकि इनकी टिकट फाइनल होने के बाद इन्होंने मीडिया से रूबरू ना होते हुए उन्हें तवज्जो नहीं दिया और बची कुची कसर इनके जिला अध्यक्ष व इनके मीडिया प्रभारियों ने पूरा कर दिया कुल मिलाकर भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे का अहंकार व इनके जिला अध्यक्ष व मीडिया प्रभारियों का अहंकार इन्हें ले डूबा, हालत यह रहे कि भाजपा द्वारा जीत का जश्न मनाने के लिए लगाए गए पंडाल में कुर्सियां रहे खाली, इसके अलावा बीजेपी प्रत्याशी के हार के कारण और भी कई हो सकते हैं जैसे पार्टी फंड का सही उपयोग न करना व स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर बाहरी नेत्री को प्रत्याशी बनाना आदि.. इसके अलावा उनके मीडिया प्रभारी ने चंद डिजिटल मीडिया में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में खबरें छपवा कर वहवही लूटते हुए बड़ी चतुराई का परिचय दिया लेकिन इनकी चतुराई मीडिया के बड़े प्लेटफार्म को ना तवज्जो देने के कारण जनता तक भाजपा प्रत्याशी की आवाज पहुंच ही नहीं पाई और जनता ने इन्हें नकार दिया, भाजपा की मीडिया प्रभारी कुछ चंद प्लेटफार्मो पर खबरें छपवाकर अपने आका को खुश करते रहे और उनसे….. ऐठते रहे नतीजा आपके सामने….

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चरणदास महंत को ऐसे ही राजनीति का खिलाड़ी नहीं कहा जाता है…वे इस खेल में माहिर है। उनका चक्रव्यहू चलता है तो फंसी हुई सीट में भी सफलता मिल जाता है। ऐसा ही कुछ बयां विधानसभा चुनाव के दौरान उनके क्षेत्र सक्ती में नजर आया था जहां राजनीति के पंडित उनकी हार को लेकर आश्वस्त थे। लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने चक्रव्यूह तैयार किया और भाजपाई धरासायी हो गई। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ का कोरबा लोकसभा सीट के आ रहे परिणाम से भी यह साबित हो रहा है। जब उन्होंने अपनी धर्मपत्नी व वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत को टिकट दिलाई तो कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता भी मान लिए थे कि 5 साल तक लापता का ठप्पा उनकी जीत की राह में रोड़ा बन जाएगा। लेकिन एक सारथी की तरह चरणदास महंत ने चुनाव के लिए प्रचार रथ को खींचा। भाजपा वाले जहां राष्ट्रीय नेत्री के जीत की उम्मीद के साथ शहरी क्षेत्रों में खूब तामझाम करते रहे तो चरणदास महंत ने ग्रामीण क्षेत्रों को चुना। शांत तरीके से चुनाव प्रचार करते गए, भाजपाई कांग्रेसियों को पार्टी में प्रवेश करवाकर गलत फहमी में आ गए कि कांग्रेस में काम करने वाले नहीं है। नतीजा अब सामने हैं….नतीजे के बाद पिछले दिनों पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में भी चिंता बढ़ गई है क्योंकि अब वापसी की राह भी मुश्किल है।

प्रत्याशियों को विधानसभा वार पड़े मतों का आंकड़ा

क्षेत्र ज्योसना महंत सरोज पांडेय अंतर
रामपुर 87672 74584 13088
कोरबा। 53714 104152 50438
कटघोरा 75934 72287 3647
पाली तानाखार 99256 51178 48078
भरतपुर सोनहत 64855 57689 7166
मनेंद्रगढ़ 46725 42193 4532
बैकुंठपुर 62447 61423 1024
मरवाही। 78495 60227 18268
कुल मत 570182 526899 43293

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