ग्राम जवाली कटघोरा रोड में दिनांक 2 फरवरी 2024 शुक्रवार से चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का 9 फरवरी 2024 शुक्रवार को गीता, हवन एवं सहस्त्रधारा के साथ हुआ समापन
व्यासपीठ से सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक शिव पुराण, श्रीराम कथा एवं श्रीमद भागवत कथा के मर्मज्ञ पंडित देवशरण दुबे जी ने अपनी संगीतमयी मधुर वाणी से कराया श्रीमद भागवत कथा का रसपान
छत्तीसगढ़/कोरबा :- सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के संस्थापक शिव पुराण श्रीराम कथा एवं श्रीमद भागवत कथा के मर्मज्ञ पंडित देवशरण दुबे जी की श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा दिनांक 2 फरवरी को भव्य कलश यात्रा के साथ ग्राम जवाली कटघोरा रोड में प्रारंभ हुई। जिसमे व्यासपीठ से पंडित देवशरण दुबे जी ने अपनी संगीतमयी सुमधुर वाणी से शुक झांकी, कपिल चरित्र, वामन झांकी , प्रहलाद चरित्र, राम तथा कृष्ण जन्मोत्सव , गोवर्धन तथा रास झांकी, रुक्मणी विवाह एवं सुदामा चरित्र की कथाओं से लगातार आठ दिनों तक श्रोताओं को रसपान करा कर जीवन में श्रीमद भागवत के माध्यम से आनंद एवं परमानन्द की प्राप्ति का उपाय बताया।उसी तारतम्य में आज श्रीमद भागवत कथा के विश्राम दिवस पर भागवत कथा के सार के विषय मे बोलते हुए पंडित देवशरण दुबे ने कहा कि सिर्फ भागवत कथा का श्रवण सुनने से नही, अपितु उसमे बताई गई बातों को अपने जीवन मे अनुकरण करने से हमे न केवल पापों से बल्कि इस जीवन मरण के चक्कर से भी मुक्ति मिल जाती है। हम सबको भागवत कथा को न केवल श्रवण करना चाहिए बल्कि उसे अपने जीवन मे और अपने आचरण में उतारना चाहिए तभी भागवत भगवान की आरती में गाई जाने वाली इन पंक्तियों
” भागवत भगवान की है आरती पापियों को है पाप से है तारती ” की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी । उसके पश्चात हवन एवं सहस्त्रधारा के साथ तुलसी वर्षा की गई और यज्ञवेदी का पूजन किया गया फिर पूर्णाहुति के बाद भगवान श्रीकृष्ण को विशेष भोग अर्पित कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य यजमान रामजी शर्मा, श्रीमती इंदू शर्मा, हरेराम शर्मा, श्रीमती कृष्णावती शर्मा, लव शर्मा, कुश शर्मा, समस्त श्रद्धालु भक्तगणों, समस्त ग्रामवासियों के अलावा सर्वधर्मार्थ कल्याण सेवा समिति के कोरबा जिला शाखा प्रभारी डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पटेल, दुर्गेश राठौर, श्रीमती प्रतिभा शर्मा, श्रीमती रेवती पटेल, नेत्रनंदन साहू, अश्विनी बुनकर, कमल धारिया, हर्ष नारायण शर्मा, पंडित रामू तिवारी, पंडित अंकित पांडे, आर्गन वादक अमित पटेल तबला वादक गुड्डू पटेल एवं पैड वादक जीवन पटेल ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।