छत्तीसगढ़/कोरबा :- देश के विकास में जिन भूविस्थापितों ने अपनी जमीनों को एसईसीएल को सौंप दिया आज वही स्थानीय भू विस्थापित दर-दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हैं उन्हें सीधे तरीके से ना तो रोजगार मिल पा रहा है और ना ही नौकरी और वह अपने हक के लिए आंदोलन करने पर मजबूर हैं,
ताजा मामला आज दीपका खदान मे संचालित आउटसोर्सिंग कलिंगा कम्पनी का है जहां लंबे समय से स्थानीय व भूविस्थापितों द्वारा नौकरी और रोजगार के लिए प्रयास किया जा रहा था लेकिन उन्हें ना तो रोजगार मिल रहा था और ना ही नौकरी जिसके बाद आज छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के नेतृत्व में मजदूरों ने कोल परिवहन का कार्य बाधित कर दिया इसके बाद एसईसीएल के अधिकारियों और कलिंगा कंपनी के अधिकारियों व छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के बीच त्रिकोणीय वार्ता में तत्काल 10 स्थानीय व भूविस्थापितों को कंपनी में नौकरी पर रखने व अन्य पर सहमति बनी और आंदोलन समाप्त किया गया,
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कोरबा जिला अध्यक्ष अतुल महंत ने बताया कि लंबे समय से स्थानीय भूविस्थापितों के द्वारा कलिंगा कंपनी में नौकरी व रोजगार की मांग की जा रही थी लेकिन कंपनी के द्वारा लगातार स्थानीय मजदूरों को काम पर न रखकर बाहरी लोगों को रखा जा रहा था इसके बाद आज स्थानीय भाई बहनों के द्वारा कार्य प्रभावित किया गया उन्होंने बताया कि लम्बे समय से कलिंगा कम्पनी के द्वारा भू विस्थापितों को रोजगार नही दिया जा रहा था।अपनी मांगो को पूरा कराने के लिए कम्पनी के सभी कोल परिवहन को रोक दिया गया। इसके बाद आपसी समझोता हुआ secl के एरिया जीएम व भूस्वामी, और कलिंगा कम्पनी के मध्य वार्ता लाप हुआ जिसमे कलिंगा कम्पनी ने तत्काल 8 ड्रायवर 2 अन्य कार्य हेतु भूविस्थापितों को काम मे रखने सहमति बनी बाकी शेष भू विस्थापितों को आगे धीरे धीरे काम मे रखने की बात कही गयी और आपसी समझोता के बाद आंदोलन समाप्त किया गया ।
आज के आंदोलन मे प्रमुख रूप से नरईबोध गांव के भू विस्थापित, पुरुष माहिला, साथ मे भू विस्थापित संगठन के प्रमुख अशोक,गोविंदा सारथी,विष्णु, साथ मे छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला अध्यक्ष अतुल दास महंत,किरण निराला,कुसमुंडा खंड अध्यक्ष विनोद सारथी, हेमंत नामदेव, सहित अनेक छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानी,और ग्रामीण उपस्थित रहे। अतुल दास महंत जिलाध्यक्ष छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने कलिंगा कम्पनी को चेतावनी दिया है कि लोकल स्थानीय भू स्वामी को सर्व प्रथम रोजगार मे रखा जाये बाहर राज्य से मजदूर ला कर काम ना करवाये अन्यथा भविष्य मे जोरदार जनआंदोलन किया जायेगा।
आपको बता दें कि कलिंगा कंपनी एसईसीएल मानिकपुर क्षेत्र अंतर्गत भी कार्य कर रही है जिसकी पहले भी बहुत शिकायतें मिल चुकी हैं और स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलन भी किया जा चुका है बावजूद इसके कलिंगा कंपनी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रही है ।