शासन द्वारा प्रदत्त गौठान और चारागाह के लिए 10 एकड़ भूमि पर झोपड़ियाँ डाल कर रहे 6 ग्रामीण अवैध कब्जा,
पंच बोले – अवैध कब्ज़े से गौधाम योजना पर संकट
ग्रामीणों ने कहा – पहले ही गौठान बदहाल, अब भूमाफियाओं से खतरा
छत्तीसगढ़/कोरबा :- ग्राम पंचायत बेन्दरकोना के सरपंच जयवीर सिंह तंवर सहित पांच ग्रामीणों ने कलेक्टर से लिखित शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा ग्राम पंचायत बेन्दरकोना में गौठान एवं चारागाह हेतु 10 एकड़ ज़मीन का पट्टा दिया गया था। किंतु गौठान बंद होने के बाद ग्राम के ही 6 व्यक्तियों ने इस चारागाह भूमि पर झोपड़ियाँ बनाकर अवैध कब्ज़ा करना शुरू कर दिया है।
ग्राम पंचायत द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद कब्जाधारियों पर कोई असर नहीं हुआ। सरपंच व ग्रामीणों का कहना है कि यह 10 एकड़ चारागाह अब भूमाफियाओं के निशाने पर है, यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ग्राम पंचायत के एक पंच ने बताया कि वर्तमान सरकार की ओर से “गौधाम योजना” के संचालन की तैयारी चल रही है। ऐसे में यदि चारागाह की ज़मीन पर कब्ज़ा होता रहा तो योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी कठिनाई होगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गौठान योजना की शुरुआत की थी, जिसके चलते ग्रामीणों को शुद्ध वातावरण मिला था, वहीं अवैध कब्ज़ों पर भी रोक लगी थी और किसानों को आवारा मवेशियों से राहत मिली थी।
लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद गौठानों की स्थिति बिगड़ चुकी है—गौठानों में न गाय हैं, न चारा। मवेशी सड़कों और किसानों के खेतों में घूमते नजर आते हैं। इसी स्थिति को देखते हुए साय सरकार ने पुनः “गौधाम योजना” लाने की घोषणा की है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से अवैध कब्ज़े हटाने की मांग की है ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही रूप से मिल सके।